ईडी का समन मिलने के बाद अन्य लोगों की अपेक्षा आप पार्टी के नेता ही अरविन्द केजरीवाल के अरेस्ट होने के अनुमान लगाने लगे है। इसी प्रकार की सम्भावनाएँ उस समय भी लगाई गई थी जब केजरीवाल को इसी साल अप्रैल में CBI ने पूछताछ के लिए अपने ऑफिस बुलाया था।
उस समय पर आप के दिल्ली संयोजक गोपाल राय की तरफ से पार्टी के कार्यालय में इमरजेंसी मीटिंग भी की गई थी। केजरीवाल के अरेस्ट होने की दशा में आगे की रणनीति को लेकर की गई मीटिंग में राष्ट्रीय सचिव, जिलाध्यक्ष एवं सभी पदाधिकारी आये थे।
पार्टी में गहन चिंतन का दौर जारी
आप पार्टी से आतिशी, सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय एवं संदीप पाठक आदि नेता कह रहे है कि केंद्र की बीजेपी सरकार उनकी पार्टी को समाप्त करने के उद्देश्य से केजरीवाल को अरेस्ट करने वाली है। इसके बाद ही नए सिरे से आप पार्टी केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के अरेस्ट होने की दशा में मुश्किलों को सम्हालने में लगी है।
केजरीवाल के नजदीकी एवं विश्वसनीय नेताओं के साथ बातचीत हो रही है और चिंन्तन में थोड़े विधायक एवं सलाहकार भी सम्मिलित है। यहाँ सोचा जा रहा है कि केजरीवाल के अरेस्ट होने पर कौन दिल्ली का सीएम होगा और विधानसभा इलेक्शन में पार्टी को नेतृत्व देगा।
गोपाल राय पार्टी के साथ शुरू से है
सबसे कठिन बात तो यह है कि केजरीवाल के दाएँ एवं बाएँ हाथ कहे जाने वाले मनीष सिसोदिया और संजय सिंह इस समय जेल में है। इस कारण से पार्टी के पास सीएम के लिए थोड़े ही विकल्प रह गए है। अप्रैल 2023 की स्थिति में गोपाल राय और संजय सिंह के नामों पर काफी सोचा गया था।
गोपाल राय ने केजरीवाल एवं पार्टी का साथ रामलीला आंदोलन के समय से अभी तक मजबूती से निभाया है। वे (Gopal Rai) दिल्ली में आप के संयोजक होने के साथ ही पावरफुल अफेयर्स समिति के मेंबर भी है।
रामनिवास और आतिशी के नामो पर चर्चा
उनके अलावा राम निवास गोयल एवं आतिशी के नामो पर भी विचार हो रहा है। पहले बीजेपी में रहे रामनिवास गोयल ने साल 2014 में आप पार्टी को चुना था और अभी वे दिल्ली विधानसभा के स्पीकर भी है।
वही आतिशी ने आप पार्टी की तरफ से शिक्षा के मामले में किये कामों में खास कार्य किये है। इस समय भी वे (Atishi Marlena) विशेष भूमिका निभा रही है। इनको लेकर आखिरी निर्णय खुद केजरीवाल को ही लेना पड़ेगा।
आप पार्टी का राष्ट्रीय संयोजक कौन होगा?
इस समय भी आप पार्टी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं राजस्थान के विधानसभा इलेक्शन में जुटी हुई है। इन इलेक्शन में संदीप पाठक एवं पंकज गुप्ता आदि नेताओं को काम सौंपा जा चुका है। किन्तु इन इलेक्शन में भी मुख्य चेहरा खुद केजरीवाल का ही रहता है। हालाँकि इन विधानसभा इलेक्शन से पार्टी को कोई विशेष आशाएँ तो नहीं होगी।
किन्तु राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले साल 2024 के लोकसभा इलेक्शन को लेकर तैयारी जारी है। आप पार्टी को ‘इंडिया’ गठबन्धन की अन्य पार्टियों के साथ में बातचीत एवं सीट बाँटने के काम करने है। विशेष रूप से दिल्ली एवं पंजाब में मामला पेचीदा हो रहा है जिसमें कॉंग्रेस एवं आप पार्टी में खासी खींचातानी देखने को मिलेगी।
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केजरीवाल ने समन को गैर-क़ानूनी बताया
दूसरी तरफ केजरीवाल ने पेशी के लिए भेजे गए ईडी के नोटिस को ही गैर-क़ानूनी कहकर वापस लेने की बात कही है। केजरीवाल के मुताबिक़, उनको अभी 4 राज्यों में विधानसभा इलेक्शन में चुनावी प्रचार हेतु जाना है और बीजेपी ने उन्हें जाने से रोकने की मंशा से ये भिजवाया है।
पहले तो केजरीवाल इस समन को लेकर कुछ भी नहीं बोले किन्तु आखिरी मौके पर वे इस पर जवाब दे रहे है। ऐसे अनुमान है कि वे इस सामान को लेकर अदालत भी जा सकते है। इससे पहले आप पार्टी केजरीवाल को फँसाकर पार्टी को समाप्त करने के प्रयासों की बात कह चुकी है।
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