नार्थ कोरिया में अब लॉकडाउन की स्थिति में कमी आ रही है और किम जोंग भी रूस और चीन के साथ अपनी पार्टनरशिप को बढ़ाने में लगे है। नार्थ कोरिया ने अमेरिका के खिलाफ एक्शन लेने की शुरुआत कर दी है। नार्थ कोरिया के नए कोल्ड वॉर में कूदने के आसार दिख रहे है।
नार्थ कोरिया ने एक नए परिवर्तन के द्वारा परमाणु हथियारों (Nuclear Weapons) को तेज़ी से विकसित करने की पॉलिसी को देश के संविधान में भी जोड़ लिया है। इसके बाद से वहाँ पर परमाणु हथियारों के निर्माण में और गति आ जाएगी। ये काम भी तब किया गया है जब अमेरिका नार्थ कोरिया को वार्ता के लिए कह रहा है।
अमेरिका का पक्ष है कि वो परमाणु कार्यक्रम बंद करने पर नार्थ कोरिया को वित्तीय सहायता देगा। किंम जोंग भी अमेरिका की चुनौतियों को रोकने में परमाणु हथियारों उत्पादन में वृद्धि का ऐलान कर रहे है।
किम जोंग उन ने इसे जरुरी कहा
नार्थ कोरिया के मुख्य नेता किम जोंग ने संसद में बयान दिया है कि वे अमेरिका एवं उनके सहभागियों से मिलने वाली चुनौतियों एवं उनके परमाणु प्रोग्राम को मिटाने की योजना की वजह से ये काम कर रहे है। वे (Kim Jong Un) कहते है कि उनके देश में अन्य आधारभूत कानून की भाँति परमाणु शक्ति तैयार करना भी स्थाई होना चाहिए।
नार्थ कोरियन मिडिया का कहना है कि किम जोंग परमाणु हथियार प्रोडक्शन में गति एवं परमाणु हमलो में बहुलता लाने सहित आर्मी में इनको बहुत सी सर्विसेज में शामिल करने की आवश्यकता पर जोर दे रहे है।
रूस से सहायता मिलने के अनुमान
किम ने अभी रूस का दौरा पूर्ण किया है और वे रूस के प्रेजिडेंट व्लादमीर पुतिन (Vladimir Putin) से मिले थे। अपने दौरे में बहुत से हथियार निर्माण करने वाली कम्पनी में भी गए थे। ये दौरा उन समय हुआ है जब अमरीका नार्थ कोरिया पर रूस-यूक्रेन युद्ध के समय रूस को हथियार देने के आरोप नार्थ कोरिया पर लगा रहा है।
खबरे है कि रूस और नार्थ कोरिया के बीच नागरिक परमाणु प्रोग्राम की टेक्निक के हस्तांतरण पर वार्ता होने के अनुमान है। ऐसे अनुमान भी है कि नार्थ कोरिया इस अनुबंध में मिले पदार्थो का प्रयोग अटॉमिक मिसाइल प्रोग्राम में करेगा।
अमेरिका के खिलाफ एक हो – किम
किम जोंग का कहना है कि अमेरिका ने सैनिक उकसावे की सभी हदें लाँघ दी है और उनके क्षेत्रों में निरंतर सैनिक ड्रिल एवं हथियारों को लगाने का काम किया है। वे अपने अधिकारियो को अमेरिका के विरोध में खड़े देशो में एकता बढ़ाने के लिए भी कह रहे है।
किम का कहना है कि जापान, अमेरिका और साउथ कोरिया का ट्राइलेट्रल को-ऑपरेशन भी नाटो का ही एशियाई रूप है। यह अभी तक किसी धमकियों वाले बयाना से हटकर सबसे बड़ा खतरा है।
साउथ कोरिया ने किम को चेतावनी दी
मंगलवार के दिन दक्षिणी कोरिया के प्रेजिडेंट यून सुक यिओल (Yoon Suk Yeol) ने नार्थ कोरिया को परमाणु हथियार के प्रयोग पर चेतावनी भी दी थी। नार्थ कोरिया ने पूर्वी सागरीय तट से कम रेंज की 2 बैलेस्टिक मिसाइलें छोड़कर एटमी अटैक ड्रील की थी। इसी को लेकर दक्षिणी कोरिया ने मंगलवार में अपने सबसे बड़े सैन्य परेड को आयोजित किया।
इस परेड में उन्होंने अपनी बैलेस्टिक मिसाइल सहित टैंको को भी दिखाया था। खबर के अनुसार नार्थ कोरिया ने अमेरिका-दक्षिणी कोरिया के युद्ध अभ्यास को देखकर ही एटमी हमले की ड्रील की है। उनकी परेड में करीब 300 अमरीकी सैनिक भी शामिल हुए।
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नार्थ कोरिया साइबर चोरी भी कर रहा – UN
यूएन ने जुलाई में स्पष्ट किया था कि नार्थ कोरिया प्रतिबन्ध लगने के बाद भी साइबर चोरी के जरिये एटमी हथियार बना रहा था। UN को मॉनिटरिंग एजेंसी UNSC ने एक रिपोर्ट सब्मिट की है जिसमे नार्थ कोरिया के हैकर्स द्वारा साल 2022 में 14 हजार करोड़ की साइबर चोरी करने की बात कही है।