मोदी ने दिया नया नाम, पुराना संसद भवन अब जाना जायेगा संविधान सदन के नाम से

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मेरा सुझाव भी है कि जैसे हम सभी नए संसद में जा रहे है तो इसकी (पुराना संसद) गरिमा कभी कम न होने पाए। इसको केवल पुराने संसद भवन बना करके ही न छोड़ा जाए। मेरा आग्रह है कि अगर आप सहमति दे तो इसको 'संविधान सदन' के नाम से जाना जाना चाहिए।

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Reported by Sheetal

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संसद के पुराने भवन से नए भवन में आने से पहले सेन्ट्रल हॉल में हुए प्रोग्राम में प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने लोकसभा एवं राज्यसभा के अध्यक्ष के समक्ष एक नया प्रस्ताव रखा है। संसद में बोलते हुए जानकारी दी है कि अभी तक संसद में 4000 से अधिक कानून पारित हो चुके है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने पुराने संसद में अपने सम्बोधन में कहा – संसद हमको संकल्प भी देती है और प्रेरणा भी है। संसद के माध्यम से धारा-370 से मुक्ति मिली और मुस्लिम बहनो को भी इन्साफ मिला। मोदी के अनुसार आज हम सभी मिलकर नए संसद भवन में नए भविष्य का श्रीगणेश करने जा रहे है।

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‘संविधान सदन’ के रूप में पुराना संसद भवन जाने

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मेरा सुझाव भी है कि जैसे हम सभी नए संसद में जा रहे है तो इसकी (पुराना संसद) गरिमा कभी कम न होने पाए। इसको केवल पुराने संसद भवन बना करके ही न छोड़ा जाए। मेरा आग्रह है कि अगर आप सहमति दे तो इसको ‘संविधान सदन’ के नाम से जाना जाना चाहिए।

4 हजार से अधिक कानून सदन में पास हुए

पीएम ने कहा कि अभी तक लोकसभा एवं राजयसभा के माध्यम से मिश्रित रूप से 4 हजार से ज्यादा कानून पास हुए है। इसके अतिरिक्त दहेज़ निषेध कानून एवं आतंकवाद विरोधी कानून आदि बहुत जरुरी कानून संसद के संयुक्त सत्र में और इसी सेन्ट्रल हॉल में पास हुए है।

अब जम्मू-कश्मीर भी शान्ति एवं उन्नति के मार्ग पर चलने लगा है और वहाँ के लोग भी नए जोश एवं संकल्प से आगे जाने के किसी भी अवसर को नहीं छोड़ेंगे। हम सभी ने इसी सदन में धारा 370 से मुक्त होने, अलगाववाद और आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई का जरुरी कदम लिया। इसी कार्य में माननीय सांसदों एवं संसद की अहम भूमिका रही। जम्मू-कश्मीर में इसी सदन में बना संविधान भी लाया गया।

पीएम ने शाहबानो केस को याद किया

पीएम मोदी के अनुसार इसी स्थान पर 1947 में अंग्रेजी सरकार से सत्ता का हस्तांतरण भी हुआ और ये सेन्ट्रल हॉल उस घटना का साक्षी भी बना। देश के राष्ट्रगान एवं तिरंगे को यही स्वीकारा गया था और यही 4 हजार से अधिक कानून पारित हुए। यही मुस्लिम बहन-बेटियों को न्याय के इंतज़ार के बाद न्याय मिला। शाहबानो के मामले में गाड़ी कुछ उल्ट पाटी पर चली गई किन्तु इसी सदन ने उस गलती को सुधारा।

सेंट्रल हॉल में 41 राष्ट्राध्यक्षो के सम्बोधन हुए

पीएम मोदी ने कहा – साल 1952 के बाद से इस सेन्ट्रल हॉल में लगभग 41 राष्ट्राध्यक्षों के हमारे माननीय सांसदों के समक्ष सम्बोधन चुके है। हमारे राष्ट्रपति महोदयों ने भी 86 बार यहाँ पर सम्बोधन दिया है।

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तकनीकी सेक्टर में भारत विश्व का आकर्षण

पीएम के मुताबिक़ तकनीकी के क्षेत्र में देश का जवान जिस तरह से उन्नति कर रहा है वो सम्पूर्ण जगत के लिए आकर्षण एवं स्वीकारिता का केंद्र है। इस अमृतकाल के 25 सालों में देश को अभी बड़े स्तर पर कार्य करने की जरुरत है। हमको आत्मनिर्भर भारत के सपने को सबसे पहले पूर्ण करना होगा।

भारत टॉप-3 अर्थव्यवस्था बनकर ही रहेगा

पीएम के अनुसार, देश विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर ही रहेगा और छुद्र सोच से देश बड़ा नहीं होगा। इस समय देश सर्वाधिक युवा ताकत वाला देश है और युवाओ को भारत पर विश्वास है। कौशल विकास से देश का डंका फिर बजने वाला है और पूर्वोत्तर भारत भी समृद्ध बनेगा।

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G-20, नालन्दा एवं देश की यूनिवर्सिटी के रैंकिंग की बात की

पीएम के अनुसार देश के विश्वविद्यालय विश्व में टॉप रैंक पर आ चुके है और हम लोगो को अब पीछे नहीं रहना होगा। पीएम ने बताया कि जब G-20 में दुनिया से अतिथि आए तो मैंने वहाँ नालन्दा की फोटो को रखा था। और जब मैं विश्व के उन नेताओं से कहता कि 1,500 साल पूर्व में मेरे देश में उत्तम से उत्तम विश्वविद्यालय हुआ करते थे तो वे सुनते ही रह जाते थे।

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