SHO Full Form: SHO कौन होता है, क्या काम करता है? आज यहां जान लीजिए

SHO के पास अपने इलाके में व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी अधिकार प्राप्त होते है। तथा एक स्टेशन हाउस ऑफिसर की वर्दी में हमेशा 3 स्टार की पट्टी लगी होती है। और मुजरिमों को कोर्ट में भी SHO द्वारा ही पेश कराया जाता है।

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Reported by Sheetal

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SHO – स्टेशन हाउस ऑफिसर पुलिस थाने का एक मुख्य पद होता है। जिसके अंडर सभी इंस्पेक्टर और कांस्टेबल टीम मिलकर कानून व्यवस्था बनाय रखने का काम करती है। एसएचओ को स्टेशन इंचार्ज भी कहा जाता है। स्टेशन हाउस ऑफिसर क़ानूनी व्यवस्था बनाये रखने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। तो आज आपको SHO कौन होता है, क्या काम करता है और इसकी क्या फुल फॉर्म है इस विषय में पूरी जानकरी बताएंगे।

SHO के पास अपने इलाके में व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी अधिकार प्राप्त होते है। तथा एक स्टेशन हाउस ऑफिसर की वर्दी में हमेशा 3 स्टार की पट्टी लगी होती है। और मुजरिमों को कोर्ट में भी SHO द्वारा ही पेश कराया जाता है।

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SHO Full Form क्या होती है?

SHO –की फुल फॉर्म स्टेशन हाउस ऑफिसर (Station House Office) होती है और हिंदी में स्टेशन हाउस ऑफिसर का नाम पुलिस निरीक्षक होता है। एक पुलिस निरीक्षक के पास क़ानूनी रूप से पुलिस स्टेशन की पूरी जिम्मेदारी होती है और साथ में स्टेशन हाउस ऑफिसर भारत के सबसे सम्मानित पदों में से एक माना जाता है। SHO अपने अपने क्षेत्र में कानून और व्यवस्था की सुरक्षा करने के लिए जिम्मेदार है। इसके अलावा Station House Office पूरे  पुलिस स्टेशन के कार्यो की देखरेख करता है। 

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SHO स्टेशन हाउस ऑफिसर कौन होता है?

एसएचओ पुलिस थाने का एक मुख्य इंस्पेक्टर रैंक का पुलिस अधिकारी होता है। जिसका पुलिस थाने में सबसे ऊँचा पद होता है। स्टेशन हाउस ऑफिसर की वर्दी पर एक लाल और नीली रंग की पट्टी होती है जिस 3 स्टार लगे होते हैं। और यह अपने संबंधित इलाके के सभी पुलिस थाने का काम देखते हैं। SHO स्थानीय पुलिस स्टेशन का एक प्रमुख व्यक्ति होता है। स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसआई) सब इंस्पेक्टर से ऊपर लेकिन डीएसपी यानि (डिप्टी पुलिस सुपरिंटेंडेंट) से नीचे का पद दिया गया है।

स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) क्या काम करता है?

  • एक स्टेशन हाउस ऑफिसर को अपने हिसाब से पुलिस स्टेशन की हित में फैसला लेना का पूरा अधिकार दिया जाता है।
  • SHO इलाके के पुलिस थाने में अगर किसी भी प्रकार की घटना होती है तो स्टेशन हाउस ऑफिसर को सभी इंस्पेक्टर और कांस्टेबल की टीम को साथ लेकर जाने और सावधानी से सभी जाँच पड़ताल करने का हक़ है।
  • एक मुजरिम को अदालत में लेकर जाना स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) का काम होता है।
  • पुलिस थाने में एक होम गार्ड को कौन से कांस्टेबल के साथ कौन से इलाके में अपनी ड्यूटी करनी है यह सब काम एक SHO द्वारा तय किया जाता है।
  •  SHO पुलिस स्टेशन का एक अधिकारी होता है जिस वजह से उसका मुख्य कार्य अपने क्षेत्र की सुरक्षा करना है।

एसएचओ की सैलरी

अगर उदाहरण के लिए देखें तो अभी उत्तरप्रदेश में एसएचओ का पे स्केल 24000- 80400/- रुपये है,

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