अभी तक इंसान के प्रकृति को नियंत्रण में करने की सिर्फ बातें ही होती थी लेकिन ऐसा सच होने पर क्या होगा। कोई देश प्रकृति को नियंत्रित कर लें तो वह दुश्मन देश पर बाढ़, सुनामी और भूकंप जैसी आपदाएँ ला पायेगा। ये तबाही किसी एटॉमिक अटैक से भी ज्यादा घातक होगी। अभी मोरक्को (Morocco)में आए भूकंप को लेकर भी अमेरिका पर कुछ ऐसे ही आरोप लग रहे है।
मोरक्को में भूकंप ने जबरदस्त तबाही मचाई है और इससे लगभग 2,900 से ज्यादा नागरिको की जाने चली गई है। अभी भी मरने वालों की संख्या में बढ़ोत्तरी जारी है। इस विनाषकारी भूकंप के बाद अधिकारी सीसीटीवी वीडियो से जाँच-पड़ताल का काम कर रहे है। कुछ घरो पर लगे सीसीटीवी कैमरों में इस भयंकर भूकंप के पहले की कुछ खास घटना रिकॉर्ड हुई है।
इस घातक भूकंप के आने से ठीक 3 मिनट पहले ही आकाश में एक नीले रंग की रोशनी सी दिख रही है। सीसीटीवी से मिली इस नीली रोशनी की वीडियों ने ही भूकंप के कारण को और रहस्यमयी बना दिया है। इस साल के शुरू होने पर भी तुर्की में आए भूकंप में भी करीबन 45 हजार नागरिको की मौत हुई थी।
अमेरिकी संस्था हार्प पर शक
कुछ जानकारों का शक अमरीकी सेना के प्रोग्राम HAARP (हार्प) पर भी हो रहा है। यह अलास्का में मौजूद एक प्रयोगशाला में मौजूद अमरीकी परियोजना है। ये रेडियो ट्रांसमीटर की सहायता से आसमान में ऊपर के वातावरण की जानकारी जुटाता है।
2022 में मौषम से जुड़े बहुत सी बड़ी परियोजनाएँ शुरू हुई है किन्तु ऐसा नहीं कहा गया है कि ये भूकंप लाने में सक्षम है। इससे पूर्व में भी हार्प को भूकम्प, सुनामी एवं भूस्खलन जैसी आपदाओं के लिए दोषी ठहराया गया है।
हार्प ने मामले पर सफाई दी
इस मामले पर हार्प ने अपनी ऑफिसियल वेबसाइट पर लिखा है कि वे जो भी रेडियो फ्रेक्वेंसी भेजते है वो पृथ्वी पर किसी भी स्तर पर अवशोषित नहीं होती है। तो ऐसे अनुमान लगाना गलत है कि वे किसी प्रकार से मौषम पर अपना नियंत्रण कर सकते है। वे सिर्फ अपना अध्ययन करते है किन्तु उन पर बार-बार आरोप लगते है।
इतिहास में पहले भी ऐसे संकेत मिले है
खबरों के मुताबिक साल 1965 में जापान के भूकंप में भी कुछ मिनट पहले कुछ इस तरह की रोशनी को देखा गया था। इस रहस्यमयी रोशनी को 2008 में चीन, 2009 में इटली एवं 2017 में मैक्सिको में भी देखा गया था। किन्तु अभी तक भी ऐसी विपदाओं से इस रोशनी का सम्बन्ध नहीं जाना गया है। ये एक अनसुलझा संकेत है जिसे लोग अशुभ मानते है।
ये रोशनी भूकंप की है
कुछ रिपोर्ट के अनुसार इस प्रकार की चमकदार रोशनी दरअसल भूकंप की ही है। ये रोशनी टेक्टोनिक तनाव, भूकम्पीय गतिविधि अथवा ज्वालामुखी विस्फोट के होने की जगह पर दिखने वाली वायुमण्डलीय घटना है। वैज्ञानिको के अनुसार ये ऊर्जा लिथोस्फेरिक प्लेट के हिलने की वजह से निकलने वाली इनर्जी ही है।
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मोरक्को में पिछले सौ वर्षों का घातक भूकंप
मोरक्को में इसी शनिवार को ये भूकम्प 7.2 की तीव्रता के साथ आया था जिसने काफी जगह जान-माल की बहुत हानि कर दी थी। मोरक्को में पिछले 120 साल में यह सबसे घातक भूकंप था। ये भूकंप रात्रि में 11 बजे आया था जिस समय अधिकांश लोग सोने के लिए जा रहे थे। इसके बाद इस भूकंप की वजह से 2,900 नागरिको की मौत और 2,059 नागरिक घायल हुए थे।
कुछ नागरिको ने घरों से बाहर भागकर अपनी जान बचा ली किन्तु कुछ ऐसा न कर पाने की वजह से मकानों में दबकर ही मर गए। भूकंप के झटके कुछ सेकंडो ता रहे और 19 मिनट के बाद 4.9 की तीव्रता वाला भूकंप आया।