G-20 Summit विभिन्न विकसित और विकासशील देशो के बीच आतंकवाद, आर्थिक संकट, मानव तस्करी जैसे प्रमुख मुद्दों को लेकर चर्चा करने का एक ग्रुप है। जी 20 सम्मेलन के दौरान अतर्राष्ट्रीय वित्तीय सहयोग पर भी विचार विमर्श किया जाता है। G-20 की स्थापना 1999 में एशियाई वित्तीय संकट के बाद वित्त मंत्रियो और केंद्रीय बैंको के गवर्नरो के लिए वैश्विक आर्थिक मुद्दों और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच के रूप में की गई थी। G20 शिखर सम्मेलन का 18वा आयोजन दिल्ली में 9 से 10 सितम्बर को होगा। भारत जी 20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है। तो चलिए G-20 Summit: क्या है ? जी 20 शिखर सम्मेलन – मुख्यालय | सदस्य देश के बारे में पूर्ण रूप से जानते है।
G-20 Summit: क्या है ?
जी 20 का पूर्ण रूप ग्रुप ऑफ़ ट्वेंटी है जो दुनिया के ऐसे 20 देश का समूह है जिसमे 19 देश और एक यूरोपियन संघ शमिल है। इस शिखर सम्मेलन में सभी सदस्य देशो के साथ अन्य देश के राष्ट्राध्यक्ष भी शामिल होते है। G-20 अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का एक प्रमुख मंच है। यह सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर वैश्विक संरचना और अधिशासन निर्धारित करने तथा उसको मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
जी 20 शिखर सम्मेलन – मुख्यालय
जी 20 का शिखर सम्मेलन 14-15 नवंबर 2008 में आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन को एशिया में ए वित्तीय संकट के कारण अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा आयोजित किया गया था। तबसे प्रत्येक वर्ष G-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जाता है जी 20 के अध्यक्ष द्वारा प्रत्येक वर्ष बहुत सी गेस्ट कंट्री को इस बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाता है।
G-20 शिखर सम्मलेन में विश्व के 20 देश प्रमुख रूप से शामिल है। जी 20 शिखर सम्मेलन का कोई मुख्यालय नहीं है। क्योंकि हर साल इस शिखर सम्मेलन का आयोजन अलग अलग देश में होता है। जिसमे अन्य देशो को गेस्ट काउंटर के रूप में शामिल किया जाता है।
G-20 सदस्य देश की सूची देखें
- रूस
- सऊदी अरब
- दक्षिण अफ्रीका
- कनाडा
- चीन
- फ्रांस
- जर्मनी
- भारत
- इंडोनेशिया
- इटली
- जापान
- कोरिया गणराज्य
- मैक्सिको
- अर्जेंटीना
- ऑस्ट्रेलिया
- ब्राजील
- तुर्की
- यूनाइटेड किंगडम
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- यूरोपीय संघ
G-20 शिखर सम्मेलनों की सूची
देश | शहर | तिथि |
संयुक्त राज्य अमेरिका | वाशिंगटन डी सी | 4–15 नवंबर (2008) |
यूनाइटेड किंगडम | लंडन | 2 अप्रैल (2009) |
संयुक्त राज्य अमेरिका | पिट्सबर्ग | 24-25 सितंबर (2009) |
कनाडा | टोरंटो | 26–27 जून (2010) |
दक्षिण कोरिया | सियोल | 11–12 नवंबर (2010) |
फ्रांस | कान | 3-4 नवंबर (2011) |
मैक्सिको | सैन जोस डेल काबो, लॉस काबोस | 18-19 जून (2012) |
रूस | सेंट पीटर्सबर्ग | 5-6 सितंबर (2013) |
ऑस्ट्रेलिया | ब्रिस्बेन | 15-16 नवंबर (2014) |
तुर्की | सेरिक, अंताल्या | 15-16 नवंबर (2015) |
चीन | हांगझोऊ | 4-5 सितंबर (2016) |
जर्मनी | हैम्बर्ग | 7-8 जुलाई (2017) |
अर्जेंटीना | ब्यूनस आयर्स | 30 नवंबर – 1 दिसंबर (2018) |
जापान | ओसाका | 28–29 जून (2019) |
सऊदी अरब | रियाद | 21–22 नवंबर (2020) |
इटली | बारी | 2021 |
भारत | नई दिल्ली | 9 -10 सितम्बर (2023) |
G-20 में किन वर्कस्ट्रीम को किया गया है शामिल, जाने
वर्तमान समय में G-20 में 8 वर्कस्ट्रीम को शामिल किया गया है। जिनमें इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग, ग्लोबल मैक्रोइकॉनॉमिक पॉलिसी, इंटरनेशनल फाइनेंशियल आर्किटेक्चर, सस्टेनेबल फाइनेंस, फाइनेंशियल इंक्लूजन, हेल्थ फाइनेंस, फाइनेंशियल सेक्टर रिफॉर्म्स, फाइनेंस ट्रैक, इंटरनेशनल टैक्सेशन, शेरपा ट्रैक को शामिल किया गया है।