जैसा की आप लोगों ने कई बार सुना होगा कि किसी अधिकारी को निलंबि, बर्खास्त, सस्पेंड और डिसमिस कर दिया गया है। सभी शब्द एक समान होने के कारण हम इन्हें गलत समझना शुरू कर लेने है, लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दूं की इन सभी शब्दो का अर्थ अलग -अलग होता है। यानि की इन सब में अंतर होता है। जो आज हम आपको बताने वाले है।
निलंबित होने का अर्थ
जब किसी विभाग में कोई कर्मचारी कार्यरत रहता है तो कई गंभीर कारणों के वजह से उसे निलंबित कर दिया जाता है। यानि की उसे सस्पेंड कर दिया है। निलंबन को अंग्रेजी में Suspend कहा जाता है। अलग -अलग शब्दो का अर्थ एक ही होता है।
सस्पेंड होने की स्थिति में कर्मचारी को कुछ समय के लिए नौकरी से दूर रखा जाता है। इसका मतलब उसे नौकरी से निकाला नहीं जाता है। निलंबित की अवधि कुछ निर्धारित समय के लिए होती है। यदि कर्मचारी किसी आरोप का दोषी नहीं पाया गया तो वह फिर से अपने कार्य पर जा सकता है।
क्या होता है बर्खास्त
बर्खास्त का मतलब है कि किसी व्यक्ति को उसकी नौकरी से हमेशा के लिए निकाल लेना या हटा देना। जिसे अंग्रेजी भाषा में dismiss कहते है। जब किसी कर्मचारी पर आरोप करने की जानकारी मिलती है या वह आरोपी साबित हो जाता है तो उस स्थिति में उसे नौकरी से बहाल कर दिया जाता है। Dismiss करने का अधिकार उस विभाग के सबसे बड़े अधिकारी के पास होता है। वह जब चाहे किसी को भी बर्खास्त कर सकते है।
बर्खास्त होने पर व्यक्ति को फिर से नौकरी रखा जाता है और न ही उसे कोई सैलरी या महंगाई भत्ता दिया जाता है। इसके अलावा वह व्यक्ति दूसरी नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर सकता है। आरोप करने की सजा में उसे अन्य सरकारी नौकरी करने की अनुमति नहीं होती है और न ही वह किसी प्रकार का चुनाव लड़ने के पात्र होगा। इसके अतिरिक्त उस व्यक्ति को PF प्राप्त करने का अधिकार भी नहीं होता है। केवल ग्रेजुएटी ही मिलती है। यही उसकी जीवनभर की सजा होती है। किसी भी प्रकार का गंभीर आरोप करने पर सरकारी कर्मचारी को बर्खास्त किया जा सकता है।
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