जातिगत जनगणना को लेकर केंद्र सरकार का नया फार्मूला, केंद्र सरकार ने रोहिणी आयोग से OBC रिपोर्ट तैयार करवाई

सरकार रोहिणी आयोग की रिपोर्ट को संसद के विषेश सत्र में पेश कर सकती है। इस रिपोर्ट को आयोग ने प्रेजिडेंट द्रोपदी मुर्मू को दिया था। मुख्य बात यह है कि सरकार के ऊपर जातिगत जनगणना को करवाने का दबाव काफी बढ़ चुका है। साथ ही सत्ता पक्ष विरोधी दलों की इस माँग की कोई विशेष काट भी नहीं ढूंढ़ पाया है।

Photo of author

Reported by Sheetal

Published on

अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्ष की पार्टियों ने जनता के बीच जातिगत जनगणना के मुद्दे को उठाने की तैयारी कर ली है। इसी मुद्दे को विपक्ष संसद के विशेष सत्र में सरकार पर दागने वाला है। किन्तु इसी बीच खबरे है कि सरकार ने जाति जनगणना के मामले का समाधान निकल लिया है।

आने वाले समय में सरकार की ओर से विशेष सत्र के बुलावे को लेकर बहुत से अनुमान लग रहे है। इस प्रकार से चर्चाओं का दौर काफी गर्म है। सत्तारूढ़ पार्टी ने भी ऐसे मुद्दों की तलाश शुरू कर दी जिनके दम पर वे विपक्ष के दलों को आने वाले लोकसभा चुनावों में माकूल जवाब दें सकें।

इस बार होने जा रहे संसद के विशेष सत्र में एक देश-एक चुनाव, महिला आरक्षण और UCC जैसे मामलों पर बातें होने के कयास लग सर्वाधिक लग रहे है। किन्तु अभी इनमे एक और मुद्दा जुड़ गया है जोकि ओबीसी जाति के आरक्षण से जुड़ा है।

व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp

खबरे है कि सरकार रोहिणी आयोग की रिपोर्ट को संसद के विषेश सत्र में पेश कर सकती है। इस रिपोर्ट को आयोग ने प्रेजिडेंट द्रोपदी मुर्मू को दिया था। मुख्य बात यह है कि सरकार के ऊपर जातिगत जनगणना को करवाने का दबाव काफी बढ़ चुका है। साथ ही सत्ता पक्ष विरोधी दलों की इस माँग की कोई विशेष काट भी नहीं ढूंढ़ पाया है।

संसद में पेश हो सकती है रिपोर्ट

अब सरकार जल्दी ही रोहिणी कमिशन से जुडी इस रिपोर्ट को संसद में बहस के लिए पेश करेगी। इस रिपोर्ट से विरोधी पार्टियों की जुबान बन्द हो जाएगी। एक अन्य पहलु भी है कि वीपी सिंह की सरकार ने अपने समय में मण्डल आयोग की जाति आधारित रिपोर्ट को लागू तो किया किन्तु उनको पिछड़ा वर्ग के वोट नहीं मिल पाए।

बीजेपी के मुख्य मतदाताओं में भी रोहिणी आयोग की रिपोर्ट को लेकर खासी नाराजगी है। पार्टी में ही इस रिपोर्ट को पेश करने और लागू करने के विषय में एकमतता नहीं हो पा रही है।

संबंधित खबर EPS-95 पेन्शनभोगियों की 7500 रुपये पेंशन + DA की मांग: गुजरात के सांसद मितेश पटेल का पत्र

EPS-95 पेन्शनभोगियों की 7500 रुपये पेंशन + DA की मांग: गुजरात के सांसद मितेश पटेल का पत्र

रोहिणी आयोग का गठन कैसे और कब हुआ

राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के मुताबिक़ भारत में ओबीसी की जनसंख्या का प्रतिशत 41 है किन्तु मंडल कमिशन की रिपोर्ट के अनुसार इसको 52 फ़ीसदी बताई गई है। मण्डल कमिशन की सिफारिशें लागू हो जाने के बाद अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगो को केंद्र सरकार की नौकरियों एवं शैक्षिक संस्थानों की सीटों में 27 फ़ीसदी का आरक्षण लाभ मिलता है।

कुछ समय बाद ये शिकायत आने लगी है कि आरक्षण का लाभ थोड़े से हो लोगो को मिल रहा है। इनमे जरूरतमंद लोगो को तो बिलकुल लाभ नहीं मिल पा रहा है। सरकार ने पिछड़ी जातियों को आरक्षण के सही बँटवारे के लिए विधि, आधार एवं मापदण्ड तय करने के लिए ही अक्टूबर 2017 में रोहिणी आयोग निर्मित किया।

रोहिणी आयोग को ओबीसी उपवर्ग बनाना था

केंद्र सरकार ने गठित कमीशन को ये कार्य दिया है कि वे ओबीसी की सूची में सम्मिलित 2,500 जातियों का एक उपवर्ग तैयार करके 27 फ़ीसदी आरक्षण के लाभ को उनके अनुपात में समायोजित करें। ऐसे किसी जाति को भी अन्याय न देखना पड़े और इस काम में साउथ के राज्यों ने काफी जोश के साथ भागीदारी दी है। इस प्रकार से OBC की मजबूत जातियों का लाभ सीमित करके वंचित ओबीसी जातियों को आरक्षण का फायदा दिया जाए।

रिपोर्ट में ये जानकारी दी गई

रोहिणी कमिशन ने केंद्र की नौकरी एवं एडमिशन के डेटा को देखा तो उनको जानकारी मिली कि इन नौकरियों एवं पढ़ाई की सीटों में 97 फ़ीसदी भाग OBC की उपजाति के 25 फ़ीसदी लोगो के पास ही है। इस प्रकार से OBC की 983 अन्य जातियों को इन सभी सीटों में किसी प्रकार की भागीदारी नहीं मिल पा रही है।

आयोग ने 1,100 पेज की रिपोर्ट को तैयार करके जमा किया है जिसमे सिफारिश को 2 भागो में बाँटा है। इसका पहला भाग OBC आरक्षण के न्यायपूर्ण तरीके से बटवारे से जुड़ा है और दूसरा भाग इस समय की लिस्टेड 2,633 ओबीसी जातियाँ की पहचान, आबादी में उनका अनुपात एवं अभी तक की आरक्षण नीतियों में उनको हासिल हुए फायदों के देता से सम्बंधित है।

संबंधित खबर north-korea-kim-jong-un-makes-law-to-makes-nuclear-weapons-compressed

नार्थ कोरिया में परमाणु हथियार बनाना संवैधानिक हुआ, किम जोंग ने अमेरिकी धमकियों को कारण बताया

Leave a Comment

WhatsApp Subscribe Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp