हिंदी भाषा को सम्पूर्ण तरीके से समझने के लिए हिंदी व्याकरण को समझना जरुरी है। हिंदी में शब्द और मात्राएँ बहुत अहम होती है। भाषा में मात्रा और वर्णो के मिलने से ही शब्द बनते है। इसलिए भाषा में मात्रा एवं वर्ण की खास भूमिका होती है। हम सभी तो स्कूल में हिंदी व्याकरण सिखाई जाती है। जिसमें हिंदी भाषा में बारे में सभी जानकारी दी जाती है। हिंदी भाषा का साहित्य बहुत बड़ा है इसलिए हिंदी की पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए हमे हिंदी व्याकरण का पूर्ण ज्ञान होना आवश्यक है। आज हम आपको हिंदी के संयुक्त शब्द वाले शब्दो के बारे में बताने जा रहे है।
संयुक्त अक्षर वाले शब्द क्या होते हैं क्या आपको पता है ? देखें
संयुक्त अक्षर वाले शब्द वे होते है जो दो व्यंजन से मिलकर बने संयुक्त व्यंजन से बने होते है। यानि जान दो व्यंजन मिलकर एक नया शब्द बनाते है तो उस शब्द उपयोग से जो शब्द बनता है उसको संयुक्त अक्षर वाला शब्द कहते है। इन शब्दों को संयुक्ताक्षर वाले शब्द भी कहा जाता है। जैसे श्रम = श् + र + म। संयुक्त अक्षर तीन प्रकार के होते है।
1) संयुक्त अक्षर
2) संयुक्त व्यंजन
3) द्वित्व व्यंजन
संयुक्त अक्षर
संयुक्त अक्षर दो व्यंजन के मेल से बनते है। संयुक्त अक्षर में जो शब्द बनता है वो स्वतंत्र शब्द नहीं माना जाता। संयुक्त अक्षर को उदाहरण की मदद से समझते है :-
- प् + या + री = प्यार (यहां पर प्+ या मिलकर प्या संयुक्त अक्षर बनाते है)
- व + क् + त = वक्त (यहां पर क् + त मिलकर क्त संयुक्त अक्षर बनाते है )
- त् + रि + शू + ल = त्रिशूल ( (यहां पर त् + र मिलकर त्रि संयुक्त व्यंजन बनाते है)
- प + क् + का = पक्का (यहां पर क् + का मिलकर क्का संयुक्त अक्षर बनाते है)
संयुक्त व्यंजन
हिंदी भाषा के दो अलग व्यंजनों के मेल से संयुक्त व्यंजन बनता है। संयुक्त व्यंजन का निर्माण दो व्यंजनों के मेल से होता है। जिसमे पहला व्यंजन स्वर रहित होती है और दूसरा व्यंजन स्वर सहित होता है। जैसे कि त्+ र = त्र यहाँ त् पहला व्यंजन है जो स्वर रहित है और र व्यंजन है जो स्वर सहित है। इन दोनों के मेल से त्र व्यंजन का निर्माण होता है। हिंदी वर्णमाला में 4 संयुक्त व्यंजन होते है क्ष, त्र, ज्ञ, श्र । संयुक्त व्यंजन से बने कुछ शब्द निम्नलिखित है।
श्र = श्री, श्रीदेव, श्रीमान
त्र = श्रीशूल, त्रिभुज, त्रिकोण, त्रुटि
ज्ञ = ज्ञान, ज्ञात, विज्ञान, अज्ञात
क्ष = क्षेत्र, कक्षा, रक्षा
द्वित्व व्यंजन
द्वित्व व्यंजन भी दो व्यंजनों के मेल से बनते है। इसमें दूसरा व्यजन पहले व्यंजन जैसा होता है। द्वित्व व्यंजन में पहला व्यंजन स्वर रहित होता है और दूसरा व्यंजन स्वर सहित होता है। जैसे क् +क = क्क। यहाँ पर पहले व्यंजन क् है जो स्वर रहित है और दूसरा व्यंजन क है जो स्वर सहित है। इन दोनों के मेल से क्क द्वित्व व्यंजन का निर्माण होता है। द्वित्व व्यंजना के कुछ उदाहरण निम्न है :-
ज्ज = सज्जा, छज्जा, इज्जत
क्क = पक्का, मक्का, छक्का
प्प = चप्पल, गप्पे, पप्पू
म्म = हिम्म्त, मरम्मत, चम्मच
संयुक्त अक्षर वाले शब्द के कुछ उदाहरण
- क्क – मक्क, पक्का, चक्का
- क्ख – मक्खन,मख्खी, मधुमक्खी
- क्य – क्यारी, क्या, क्योंकि
- ख्य – संख्या, ख्याल, ख्यति
- ग्य – ग्यारह, भाग्य, योग्य
- ग्व – ग्वाला
- घ्न – शत्रुघ्न, विघ्न
- टट – लट्टू , मिट्टी, पट्टी
- ड्डू – लड्डू, गड्डी, हड्डी
- च्य – कच्ची, बच्ची, सच्ची
- ज्ज – सज्जा, लज्जा, सज्जन
- ग्न – मग्न, भग्न, नग्न
- ण्य – लावण्य, पुण्य
- त्य – त्याग, सत्य, सत्यनारायण, सत्यवती
- ड्ढ- गड्ढा , बुड्डा
- त्त – पत्ता, छत्ता, कुत्ता
- थ्य – मिथ्या, पथ्य, तथ्य
- दद – उद्देश्य, गद्दा, भद्दा
- ध्य – ध्येय , ध्यान , अध्यापक .
- न्ह – नन्हा, कान्हा , नन्ही
- न्य – न्याय, न्यारी, न्यायालय, कन्या
- प्प – पप्पू , चप्पू , गोलगप्पा
- प्य – प्यासा
- ष्ट – कष्ट, नष्ट, दुष्ट
- स्स – रस्सी, अस्सी, हिस्सा
- स्त – अस्त:, नमस्ते
- स्व – स्वदेश, स्वाति, स्वार्थी
- ब्द – शब्द
- ब्ब – डिब्बा, धब्बा, छब्बीस
- भ्य – अभ्यास, सभ्य, सभ्यता
- म्य – सौम्य, म्यान, म्याऊं
- द्व – द्वारा, द्वीप, द्वापर
- म्म – चम्मच, हिम्मत, मरम्मत
- व्य – व्यापार, व्यायाम, व्यय
- श्त – किश्त ,भिश्ती
- श्व – ईश्वर, श्वान, श्वेता
- ण्ठ- कण्ठ, दण्ड, चण्ड, पाण्डव
- थ्य – पथ्य, तथ्य, पृथ्वी, मिथ्या
- ढ्य – सनाढ्य ,धनाढ्य
- ट्ठ -मट्ठा, चिट्ठी ,इकठ्ठा
- ल्ह – चूल्हा, कूल्हा, कुल्हड़, अल्हड़, कुल्हाड़ी