पीएम मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन की वार्ता के दौरान भारत का पक्ष रखते हुए ब्रिक्स संघठन को विस्तार देने पर अन्य देशो में सहमति बनाने की बात कही है। इस बार अर्जेंटीना और सऊदी अरब सहित अन्य 6 देशो को ब्रिक्स संघठन में स्थाई सदस्य के रूप में जगह मिल गई है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरूवार के दिन ब्रिक्स सम्मलेन (BRICS Summit) में अपना सम्बोधन दिया है। इस दौरान पीएम ने मीटिंग में हुई वार्ता पर देश का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स संघठन को और बढ़ाने पर अन्य साथी देशों में आम सहमति बन चुकी है। अर्जेंटीना और सऊदी अरब सहित 6 देशों को ब्रिक्स के नए स्थाई सदस्य की तरह से शामिल किया है। प्रधानमंत्री के अनुसार भारत इस निर्णय को समर्थन देता है।
पीएम मोदी ने अफ्रीका की प्रशंसा की
पीएम मोदी ने 15वें ब्रिक्स सम्मेलन में साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स बिज़नेस फोरम लीडर के साथ वार्ता की। यहाँ उन्होंने (PM Narendra Modi) ने अपने सम्बोधन में बताया कि भारत शीघ्र ही 5 ट्रिलियन की इकोनॉमी बनने वाला है और भविष्य के वर्षों में विश्व के विकास का इंजन होगा। पीएम के अनुसार इण्डिया ने जी-20 अध्यक्षता में वैश्विक दक्षिण के देशों को काफी जरुरी समझा है। यहाँ पीएम ने ब्रिक्स समिति के लिए दक्षिण अफ्रीका की प्रशंसा भी की।
चंद्रयान 3 विश्व के विज्ञानिको की उपलब्धि
प्रधानमंत्री मोदी ने चंद्रयान 3 मिशन की बात भी ब्रिक्स के मंच से रखी है। उनके अनुसार चंद्रयान 3 का चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड होना भारत ही नहीं अपितु दुनियाभर के वैज्ञानिक समुदाय की उपलब्धि है। हमने जहाँ लक्ष्य रखा था वही पर लैंड भी किया। हमने एक कठिन सतह पर लैंडिंग की और अब दुनियाभर से हमको बधाई सन्देश मिल रहे है। मैं विज्ञानिको और देश के लोगो की ओर से आप सभी का धन्यवाद करता हूँ।
पिछली शताब्दी वैश्विक संस्थानों के लिए मिसाल
पीएम ने कहा – ‘मुझको ख़ुशी है कि 3 दिन की मीटिंग में बहुत से पॉजिटिव रिजल्ट आये है। हम सभी ने 15वीं वर्षगाँठ पर ही इसके फैलाव का निर्णय लिया है। इण्डिया ने भी ब्रिक्स की सदस्यता में हर समय पूरा समर्थन दिया है। आज हम अर्जेंटीना, मिस्र, सऊदी अरब, ईरान, इथियोपिया एवं यूएई को ब्रिक्स में शामिल करने का समर्थन देते है।’
पीएम के अनुसार, जिन भी देशों ने ब्रिक्स में आने की बात कही है, इंडिया उनको भी साझेदार की तरह से जुड़ने में छूट देगा। ब्रिक्स का आधुनिकीकरण एवं फैलाव इसी का सन्देश है। दुनियाभर के संस्थानों को समय के हालातो में ढालने की जरूरत है। ये पहल ही 20वीं शताब्दी में स्थापित दूसरे वैश्विक संस्थानों के सामने एक मिसाल बनेगी।
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति का सम्बोधन
ब्रिक्स समिट में दक्षिण अफ्रीका के प्रेजिडेंट सिरिल रामफोसा ने समिट में हुए अहम निर्णयों की भी जानकारी दी। उनके अनुसार, ‘हम एक समझौते पर आए है जिसमे अर्जेंटीना, मिस्र, इथोपिया, ईरान, सऊदी अरब एवं यूएई को ब्रिक्स की पूरी मेम्बरशिप के लिए आमंत्रित करते है। नए देशों का कार्यकाल जनवरी 2024 से शुरू होगा।
उनके अनुसार, ‘संघठन के फैलाव में मार्गदर्शन सिद्धांतो, मापदंडो एवं प्रक्रियाओं की ठोस करने पर नए सदस्य देशों पर सहमति बनी है।’ उनके मुताबिक, हमने अपने विदेश मंत्रियों को यह भार सौपा है कि वे ब्रिक्स पार्टनरशिप को ज्यादा मजबूत करके संघठन के साझेदारी मॉडल के डेवलप्मेंट से अन्य दशों को भी जोड़े।
पीएम मोदी-जिनपिंग बातचीत करते दिखे
15वें ब्रिक्स समिट में सभी नेताओं की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस हो रही थी। इस कॉन्फ्रेंस में ही पीएम मोदी और जिनपिंग थोड़ी सी वार्ता करते देखे गए। इससे पहले ब्रिक्स बिज़नेस फोरम की मीटिंग में दोनों देशों के नेताओं के मिलने के अनुमान थे किन्तु चीनी राष्ट्रपति इस मीटिंग का हिस्सा नहीं बने।