सरकार ने सामान्य श्रेणी के वित्तीय रूप से कमजोर छात्रों के लिए शिक्षा एवं नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था कर रखी है। किसी भी आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे के लिए यह एक सौगात है। सरकारी नौकरी अथवा शिक्षण संस्थान में आरक्षण का लाभ लेने के लिए EWS सर्टिफिकेट की जरुरत होगी।
इस समय पुरे देश में इस प्रमाण-पत्र को बनाने का काम चल रहा है। सर्टिफिकेट को बनवाने के लिए सबसे पहले आवेदक को अपनी जाति के सम्बन्ध में कोई प्रमाण देना होता है। इसके लिए जाति प्रमाण-पत्र अथवा जमाबन्दी की प्रति एवं कोई दूसरा प्रमाण-पत्र दे सकते है।
क्या होता है EWS सर्टिफिकेट
EWS सर्टिफिकेट के माध्यम से आरक्षण को देने की शुरुआत पीएम नरेंद्र मोदी ने 12 जनवरी 2019 में की थी। सरकार ने कानून बनाकर जनरल केटेगरी के पिछड़े लोगों को 10 प्रतिशत का आरक्षण का प्रावधान किया है।
इससे पहले तक अनुसूचित जाति/ जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के नागरिकों को ही आरक्षण मिलता था। लेकिन जनरल केटेगरी के निर्धन परिवार के बच्चों को कोई आरक्षण नहीं मिलता था।
लेख का विषय | EWS प्रमाण-पत्र |
सम्बंधित विभाग | राजस्व विभाग |
लाभार्थी | देश के सामान्य श्रेणी के नागरिक |
माध्यम | ऑफलाइन |
उद्देश्य | सरकारी नौकरियों एवं योजना में लाभ देना |
EWS सर्टिफिकेट का उद्देश्य
इस समय जनरल केटेगरी के बहुत से ऐसे बच्चे है जो गरीब होने के बाद पढ़ाई करने में असमर्थ है। इस प्रकार से वे अन्य आरक्षित समुदाय के लोगों से पीछे रह जाते है। इसी लिए भारत सरकार ने इस प्रकार के प्रमाण-पत्र को बनाने के निर्णय लिया है।
सामान्य श्रेणी के नागरिकों की मांग के बाद ही उनकी समस्या को दूर करने के लिए EWS नीति को लाकर आरक्षण की व्यवस्था की गयी है। इसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों के जीवन में शिक्षा एवं रोजगार के अवसरों में आरक्षण का इंतज़ाम करके जीवन स्तर में वृद्धि लाना।
ईडब्लूएस प्रमाण-पत्र की मदद से बुरी स्थिति से गुजर रहे नागरिकों की सहायता की जाएगी। यह जनरल कैटेगेरी के BPL परिवारों के लिए एक जरुरी प्रमाण-पत्र है। केंद्र सरकार ने इस दस्तावेज को 1 साल की समय सीमा के लिए वैध करार किया है। इस प्रमाण पत्र के माध्यम से मिलने वाली सुविधाओं को लेने के लिए लाभार्थी को प्रत्येक वर्ष इसका नवीनीकरण करवाना है।
EWS सर्टिफिकेट के लिए जरुरी प्रमाण-पत्र
- आधार कार्ड
- मूल निवास का प्रमाण-पत्र
- जाति प्रमाण-पत्र
- पारिवारिक वार्षिक आय का प्रमाण-पत्र
- फोटो आईडी
- सेवानियोजन कार्यालय प्रमाण-पत्र
- मोबाइल नंबर
- नवीनतम पासपोर्ट फोटो
- पैन कार्ड
- आईडी
EWS आय से जुडी जानकारी
इस प्रमाण पत्र को बनवाते समय उम्मीदवार को आय से जुडी इन सभी बातों को ध्यान से जान लेना चाहिए। इस प्रमाण-पत्र में पारिवारिक आय को बहुत ध्यान में रखा जाता है। जिनकी पारिवारिक आय 8 लाख से कम है वो इस नीति के अंतर्गत लाभार्थी हो सकते है। साथ ही उन लोगों को निम्न जानकारी देनी होगी –
- उम्मीदवार की स्वयं की आय
- उम्मीदवार के माता-पिता की आय
- अविवाहित सगे भाई-बहन की आय
- पत्नी एवं पत्नी की आय
- उम्मीदवार के बच्चों की आय
- उम्मीदवार के घर के किराये का विवरण
- दूसरे आय के स्त्रोत की जानकारी (यदि हो तो)
EWS सर्टिफिकेट की शर्ते
- पारिवारिक आय 8 लाख से कम हो।
- वह अनुसूचित जाति/ जनजाति एवं ओबीसी वर्ग से ना हो।
- शहर के उम्मीदवार के पास 200 से कम वर्ग गज की जमीन हो।
- व्यक्ति सामान्य वर्ग से सम्बंधित हो।
- ग्रामीण लाभार्थी के पास 5 एकड़ से कम में घर हो।
EWS सर्टिफिकेट बनाने की प्रक्रिया
जो नागरिक EWS सर्टिफिकेट को बनाने के जरुरी प्रमाण-पत्र एवं योग्यता को रखते है। उनको सबसे पहले इसके आवेदन फॉर्म को डाउनलोड करना है। इसके बाद आपको इस फॉर्म को अच्छे से भरना होगा। इस फॉर्म को भर लेने के बाद सभी जरुरी प्रमाण-पत्र इसके साथ संलग्न कर दें।
पंजीकरण पत्र के साथ यह फॉर्म तहसीलदार अथवा जिला मजिस्ट्रेट/ अपर जिलाधिकारी/ कलेक्टर/ अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर/ उप-विभाग अधिकार के कार्यालय में जमा करना होगा। यह सभी प्रक्रिया को करने के बाद आपको “EWS सर्टिफिकेट” प्राप्त हो जायेगा।
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EWS सर्टिफिकेट के लाभ
ईडब्लूएस प्रमाण-पत्र के माध्यम से सिर्फ उन्ही नागरिकों को लाभ मिलेगा जो वित्तीय रूप से पिछड़े वर्ग से सम्बंधित है।
- ईडब्लूएस प्रमाण-पत्र से उम्मीदवार को नीति के माध्यम से 10 प्रतिशत का आरक्षण मिलेगा।
- BPL श्रेणी में आने वाले सामान्य वर्ग के लाभार्थी को विशेष लाभ मिलेगा।
- विद्यालय में प्रवेश के समय सभी प्रक्रियाओं को पूरी करने के लिए EWS प्रमाण-पत्र एक जरुरी दस्तावेज़ होता है।
- इसके द्वारा लाभार्थी को प्रवेश के समय और बाद में विभिन्न लाभ मिलते है।
- इस प्रमाण-पत्र से लाभार्थी को सरकारी नौकरी में भी अवसर मिलेंगे।
- जिन लाभार्थी छात्रों के स्कूल एवं कॉलेज स्तर पर कम अंक आये हो वे इस प्रमाण-पत्र की सहायता से 10 प्रतिशत आरक्षण के माध्यम से प्रवेश ले सकेंगे।
- वित्तीय रूप से कमजोर जनरल श्रेणी के बच्चों को भी सरकारी नौकरियों में मौका दिया जायेगा।
- इस प्रकार से जनरल श्रेणी के लोगों की बेरोज़गारी कम होगी एवं उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।