बॉलीवुड की ‘धाकड़’ गर्ल की एक्शन थ्रिलर ने खाई निर्देशन में मात

कंगना रणौत हिंदी सिनेमा की बेहतरीन अभिनेत्रियों में से एक है। अपने किरदारों के साथ प्रयोग करने की उनकी जिजीविषा उनकी अदाकारी के प्रमाण हैं। उनकी प्रशंसा इस बात के लिए भी होती रहती है कि वह फिल्म इंडस्ट्री में अपना वजूद कायम रखने में कामयाब हैं। बाहर से आने वालों को पहले तो काम पाना ही बहुत मुश्किल है, दूसरा यदि काम मिल भी जाए तो शोहरत का सातवां आसमान नापना बहुत मुश्किल है मगर कंगना ने ये दोनों कर दिखाए हैं। कंगना रणौत ने अभिनय के लिए अब तक चार राष्ट्रीय पुरस्कार जीते है। लेकिन कहानियां चुनने के उनके कौशल और इन कहानियों को परदे पर उनकी संवेदनाओँ के साथ पेश कर सकने वाले निर्देशकों के बीच सामंजस्य गड़बड़ाता जा रहा है। कंगना की नई फिल्म ‘धाकड़’ इसी असंतुलन की शिकार है।

एक्शन स्टार की भूमिका में दिखी कंगना
फिल्म ‘धाकड़’ के ट्रेलर को देखने के बाद से इस फिल्म से दर्शकों को काफी उम्मीदें हैं। कंगना के पहले भी कई अभिनेत्रियों ने एक्शन स्टार बनने की कोशिशें की हैं। फियरलेस नाडिया से लेकर दीपिका पादुकोण तक तमाम अदाकाराओं ने ऐसा करने के प्रयास किए हैं या कर रही हैं। कंगना फिल्म ‘धाकड़’ में उमा थर्मन का किरदार निभा रहीं हैं। वह एक सीक्रेट एजेंट हैं जो दुनिया भर में फैले एक ऐसे जाल को तोड़ना चाहती है जिसका सूत्रधार भारत में है। कहानी विदेश से शुरू होकर वापस अपने देश आती है। निशाने पर है एक कोयला माफिया जो दूसरे तमाम अपराधों में अरसे से लिप्त है। उसकी एक पार्टनर भी है। कहानी अपने विचार के स्तर पर ऐसी किसी एक्शन फिल्म के लिए बिल्कुल सही है। लेकिन, इसकी पटकथा? फिल्म ‘धाकड़’ यहीं मात खाती है।

अच्छे विचार लेकिन फिल्म खराब
निर्देशक रजनीश घई ने दर्शकों को एक बेहतरीन ट्रेलर की झलक दिखाकर उत्साहित कर दिया था। उन्होंने कंगना रणौत को कहानी का जो नरेशन दिया होगा और जिसके चलते कंगना ने इस फिल्म को करने के लिए हामी भरी होगी, उसे वह परदे पर हू-ब-हू दिखाने से चूक गए। वह कंगना को एक्शन स्टार तो बनाते हैं लेकिन इंसानी जज्बात ठीक से कहानी में उभरने नहीं देते। फिल्म में ठहराव की भारी कमी है और इसके किरदार लीक से हट कर होते हुए भी मसाला फिल्मों की घिसी पिटी लीक पर ही भागते नजर आते हैं। फिल्म की मेकिंग में पानी की तरह पैसा बहाया गया दिखता है लेकिन इसका असर जैसा होना चाहिए था, वह हो नहीं सका।

कंगना का जलवा बरकरार
कंगना ने अभिनय के मामले में एक बार फिर से अपना जलवा दिखाया है। वह अलग अलग रूपों में खूंखार और आकर्षक नजर आ रहीं है। फिल्म में एक संवाद है, ‘तुम्हारी दिक्कत ये है कि तुम खुद को मसीहा समझने लगी हो।’ इस एक संवाद में कंगना की सारी मेहनत का रिपोर्ट कार्ड छुपा हुआ है। कंगना को वन मैन आर्मी बनने से बचने की जरूरत है। यहां वह अपने से काबिल निर्देशकों का साथ पाकर ही करिश्मा कर सकती है और ऐसा करने में वह सक्षम भी हैं। बस उनका अपना अति आत्मविश्वास उनकी फिल्मों में रोड़े अटका रहा है।